(जागो जेडीए जागो) हिलव्यू संपादक शालिनी श्रीवास्तव की स्पेशल रिपोर्ट
क्या जेडीए मुख्य प्रवर्तन अधिकारी रघुवीर सैनी को होटल सफ़ारी व ग्रैंड सफ़ारी
ज़ीरो सेटबैक की अवैध बिल्डिंग्स नज़र नहीं आती गोपालपुरा बायपास पर?
होटल सफ़ारी और होटल ग्रैंड सफ़ारी की अवैध बिल्डिंग्स मुख्य मार्ग गोपालपुरा पर ज़ीरो सेटबैक पर खड़ी भ्रष्टाचार और राजनैतिक संबंधों के दबदबे की कहानी ख़ुद कह रही हैं कि आज भी बेशर्मी से अवैधता लिए खड़ी हैं उन पर आज तक कोई कार्यवाही नहीं हुई जेडीए की ओर से।
कथित व्यापारी व कांग्रेस पार्टी सदस्य पवन गोयल जिन्हें सरकार द्वारा राजस्थान खाद्य सुरक्षा प्राधिकरण में सदस्य भी बनाया गया है।
बिल्डिंग बायलॉज की धज्जियाँ उड़ाती दोनों होटल्स प्लॉट न.420 ,होटल सफ़ारी एंड रेस्टोरेंट गोपालनगर एवं प्लॉट न.397,होटल ग्रेंड सफ़ारी गोपालनगर,गोपालपुरा बायपास,जयपुर राजनीतिक सम्बंधों की आड़ में खड़ी गोपालपुरा बायपास पर सबसे बड़ा अवैध निर्माण का उदाहरण हैं
गोयल बिल्ड स्टेट प्राईवेट लिमिटेड डायरेक्टर प्रमोद गोयल और पवन गोयल है इस कंपनी के माध्यम से यह निर्माण किये गए हैं।
लेकिन जेडीए के मुख्य प्रवर्तन अधिकारी रघुवीर सैनी को यह अवैध खड़ी कामर्शियल बिल्डिंग्स नज़र नहीं आतीं जो पूरी सड़क घेरकर पार्किंग के नाम पर मुख्य मार्ग को बाधित करती है और ज़ीरो सेटबैक पर मुँहबाएँ खड़ी हैं मुख्य मार्ग गोपालपुरा बायपास पर।
गोपालपुरा बायपास के व्यापार मण्डल अध्यक्ष होने के नाते व्यापारियों के हित व लाभ कि जो ज़िम्मेदारी उनकी बनती है उसको निभाने के चक्कर में वे आमजन की पीड़ा नहीं देख पा रहे हैं और स्वयं बिल्डिंग बायलॉज का उल्लंघन करने का लाइसेंस लिए फिरते हैं और दूसरे अवैध निर्माणकर्ताओं की सिफ़ारिश और गारंटी लिए जेडीए के स्पेशल डवलपमेंट प्रोजेक्ट की पैरवी करते हैं। और तो और गोपालपुरा बायपास पर आवासीय भूखंडों पर बनी ज़ीरो सेटबैक अवैध बिल्डिंग्स को कमर्शियल पट्टा दिलवाने की गुहार लेकर जेडीए जा बैठते हैं। जेडीए द्वारा स्पेशल डेवलपमेंट प्रोजेक्ट की आड़ में अवैध बिल्डिंग को वैध क़रार देने की मुहिम में इनकी बड़ी भूमिका है।
सोशल मीडिया और सार्वजनिक तौर पर राजनीतिक सम्बंधों की नुमाइश करने वाले व्यापार मंडल अध्यक्ष पवन गोयल को आशीर्वाद प्राप्त है राजधानी में मनमानी करने का और बिल्डिंग बायलॉज की धज्जियाँ उड़ाने का क्योंकि कांग्रेस के बड़े नेता,मंत्रियों, कैबिनेट मंत्रियों से उनके सम्बंध वे समय समय पर सार्वजनिक करते रहे हैं।
इन बड़े नेताओं का इनकी होटल्स में लगातार आना जाना है अतः राजनैतिक दबदबा पवन गोयल बनाये रखते हैं। क्या आम जनता इस मिलीभगत से वाक़िफ़ नहीं? क्या सरकार को इस तरह सम्बंधों की आड़ में फ़ायदा उठा रहे मौक़ापरस्त लोग नज़र नहीं आते या फिर वो भी इसी में अपना फ़ायदा सोच कर चुप्पी साध लेती है ।
प्रताप सिंह खाचरिवास,महेश जोशी,धर्मेंद्र राठौड़, ममता भूपेश,राजीव अरोड़ा जैसे कई नेताओं के साथ जुड़कर सम्बंधों का नाज़ायज़ फ़ायदा उठा रहे हैं पवन गोयल जैसे व्यापारी।