हाईकोर्ट पीआईएल को परे रख जेडीए बाँट रहा पट्टे ,जेडीए द्वारा अवैध व्यवसायिक निर्माणों को बैकडेट में पट्टे जारी ,आवासीय भूखण्डों पर व्यवसायिक निर्माणों पर लगी है पीआईएल ,आवासीय भूखण्डों पर व्यावसायिक निर्माण कार्य लगातार जारी ,8 फरवरी 2023 को राजस्थान हाईकोर्ट ने की थी पीआईएल स्वीकार,सरकार के सबंधित विभागों को जवाब के लिए हाईकोर्ट ने दिए थे नोटिस । जेडीए द्वारा हाईकोर्ट से मोहलत मांगने पर मिला था तीन सप्ताह का वक़्त ,अवैध निर्माणकर्ता को राहत पहुँचाने की सरकार की मंशा साफ दिखी ,अवैध निर्माणों को वैधता की मोहर लगाकर जेडीए आई संदेह के घेरे में ,
अपनी संदिग्ध भूमिका को पुख़्ता कर रहा जयपुर विकास प्राधिकरण,आवासीय भूखंडों पर बन रहे व्यावसायिक अवैध निर्माणों को लेकर हाईकोर्ट मे पीआईएल दर्ज हुई है और साथ ही हाईकोर्ट ने संबंधित विभाग जेडीए, नगर निगम को नोटिस भी दिये है। इसी के साथ हाईकोर्ट ने कुछ दिवस पूर्व जयपुर विकास प्राधिकरण व नगर निगम क्षेत्र में हो रहे आवासीय भूखण्डों पर व्यावसायिक निर्माणों को चिन्हित कर कार्यवाही करने के आदेश दे दिये थे।
लेकिन इसके ठीक विपरीत उक्त निर्माणों पर व्यावसायिक निर्माण अनवरत रूप से संचालित हैं और जेडीए आवासीय भूखण्डों पर बने अवैध व्यवसायिक निर्माणों को लगातार बैकडेट में पट्टे जारी कर रहा है। 8 फरवरी 2023 को राजस्थान हाईकोर्ट ने पीआईएल को स्वीकार करते हुए सरकार के सबंधित विभागों को जवाब के लिए नोटिस जारी कर दिए लेकिन जेडीए द्वारा हाईकोर्ट से जवाब देने हेतु मोहलत ले ली गयी और तीन सप्ताह का वक़्त हाईकोर्ट ने दिया है । उसके बावजूद पीआईएल के पूर्व की दिनाँक में लगातार पट्टे जारी कर रहा है जेडीए।
सरकार की मंशा यहाँ से लगातार अवैध निर्माणकर्ता को राहत पहुँचाने की प्रतीत होती है लेकिन जनता के विश्वास और हितों को खड्डे में डालकर राजस्थान सरकार अपने लिए खड्डे खोद रही है।