साहब मेरा बेटे के बारे में कुछ सुराग लगा क्या? लाचार बाप लगा रहा गुहार
थानाधिकारी सरोज बैरवा का जवाब -फाईल लेकर चले जाओ,पता चलेगा तब बता देगें।
18 वर्ष का हरसन 02 माह से लापता लेकिन थानाधिकारी को कोई परवाह नहीं
पत्रकार ने पीड़ितों की गुहार कवरेज़ करी तो थानाधिकारी ने छीना मोबाइल ,डिलीट किये फुटेज ,थानाधिकारी सरोज बैरवा ने छीना पत्रकार का मोबाइल और फुटेज किये डिलीट
स्थानीय थानाधिकारी द्वारा गुमशुदगी की सार्वजनिक सूचना प्रिंट व इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में क्यों नहीं करी प्रकाशित
गुमशुदगी की सार्वजनिक सूचना प्रिंट मीडिया व इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में हो निःशुल्क प्रकाशित
शालिनी श्रीवास्तव / जालौर हिलव्यू समाचार।
जालौर जिले के रामसीन कस्बे के गंगानगर गोलूआ निवासी रमेश कुमार पुत्र गोवाराम भील ने करीब दो महीनें पूर्व थाने मे गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवायी थी। उक्त प्रकरण को लेकर दो महीने से अधिक समय बीत जाने के बाद भी कोई परिणाम अब तक नहीं आ सका है।
पीड़ित परिवार व रिश्तेदार ने थाने पहुँचकर कर थानाधिकारी सरोज बैरवा से मामले की जानकारी लेना चाही तो थानाधिकारी ने कोई विशेष जवाब नहीं दिया और वहाँ से निकल गईं। पीड़ित रमेश कुमार ने बताया कि पिछले 2 महीनों से मेरा बेटा हरसन कुमार लापता है। लेकिन पुलिस की ओर से कोई ठोस कार्यवाही अब तक नहीं हो रही है। अपने बेटे को तलाशने की फरियाद लेकर स्थानीय थाना से लेकर पुलिस अधिकारियों से कई बार गुहार लगा चुका है लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही।
रामसीन थाना पुलिस ने महज़ गुमशुदगी की एफआईआर करके मामला पूरी तरह से जैसे ठंडे बस्ते में डाल दिया है। किसी तरह के पोस्टर,सार्वजनिक गुमशुदगी की सूचना बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन या सार्वजनिक स्थानों पर नहीं लगाई गई है। इसके अतिरिक्त इलेक्ट्रॉनिक मीडिया या प्रिंट मीडिया न कोई सार्वजनिक सूचना हरसन की गुमशुदगी की जारी की गई है। ऐसे में अनुसंधान की गति तो कमज़ोर होगी ही! जबकि रिपोर्टकर्ता ने हरसन के साथ अंतिम बार देखे गए लोगों की नामजद रिपोर्ट भी दर्ज करवाई है।
पीड़ित परिवार का यह अकेला लड़का हरसन कमाने वाला प्राणी था अब उसके लापता होने के बाद परिवार आर्थिक हालात भी कमजोर हो गए हैं। मानसिक,शारिरिक और आर्थिक रूप से परेशान यह परिवार दो महीनों से दर बदर भटकने को मज़बूर हो गया है।