निम्न आर्य वर्ग के लिए सरकारी योजनाओं में आवासीय भूखण्ड के रूप में सरकार से मिली कोड़ियों की ज़मीन को करोड़ों में बदलने का चल रहा खेल।
मालवीय नगर में रियायती आवासीय भूखण्ड पर कमर्शियल बिल्डिंग,शोरूम, बनाकर करोड़ों की क़ीमत में बेचे जा रहे हैं। चूँकि इन बिल्डिंग्स पर लोन का कोई ऑप्शन नहीं होता इसीलिए दो नंबर का मोटा पैसा लेकर आने वाला ग्राहक ही इसे खरीदता है हमारी टीम द्वारा किए स्टिंग से साफ पता चलता है की किस तरह 70 % पैसा दो नंबर व 30% एक नंबर में रजिस्ट्री में शो किया जाता है यानि सरकार को बेवकूफ बनाया जा रहा है। भ्रष्टाचार की यह चैन बिल्डर्स से लेकर नगर निगम अधिकारियों, कर्मचारियों से होती हुई ग्राहक तक को जकड़े होती है।
आख़िर सरकार की इन ग़रीब वर्ग की योजनाओं का कितना लाभ गरीब वर्ग को मिल पाता है यह सोचने का विषय है और इसके क्रियान्वयन में आवश्यक फेर-बदल की आवश्यकता है।