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विवेकानंद ग्लोबल यूनिवर्सिटी हुई गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में शामिल

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vgu विवेकानंद ग्लोबल यूनिवर्सिटी ने वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाकर रचा इतिहास

जयपुर : विवेकानंद ग्लोबल यूनिवर्सिटी, (NAAC A+) ने रविवार को छ: हजार से अधिक लोगों के साथ मैराथन का आयोजन कर इतिहास रचा। यूनिवर्सिटी परिवार के सभी सदस्यों जिसमें छात्र/ छात्राओं, फैकल्टी,एलुमनी और यूनिवर्सिटी के कर्मचारियों ने एक साथ लाल टी-शर्ट और सर पर राजस्थानी ‘साफे के साथ ‘पहन के सर पे अपनी शान, दौड़ रहा है राजस्थान’ नारे के साथ दौड़ लगायी । ए.यू. बैंक, जयपुर मैराथन के 14वें संस्करण में विवेकानंदा ग्लोबल यूनिवर्सिटी को गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में शामिल किया गया ।
रविवार की ठंडी सुबह भी यूनिवर्सिटी परिवार के जोश के आगे फीकी रही , जिसमें केवल लाल टी-शर्ट के साथ जयपुर, मैराथन में दौड़ लगाते हुए हजारों लोग गुलाबी शहर की सड़कों पर दौड़ते दिखे।


अल्बर्ट हॉल, जयपुर के चौराहे से रेस का आगाज़ हुआ। मुख्या अतिथि के तौर पर राज्यपाल कलराज मिश्र , बॉलीवुड अभिनेता सोनू सूद एवं रोडीज़ फेम रणविजय सिंघा ने झंडी दिखा कर मैराथन का आगाज़ किया। हजारों की संख्या में चमकता विजीयु परिवार लाल टी-शर्ट और सर पर राजस्थानी साफे के साथ दौड़ते ६००० लोगों को देखना एकक अदुभुत दृश्य था ।

जयपुर मैराथन के लिए जो रास्ते तय किए थे, उसमें जगह-जगह पर धावकों के लिए पीने के लिए पानी, एनर्जी स्टेशंस, ऑरेंज स्टेशंस एवं मेडिकल सहायता देने के लिए कैंप लगाए गए। लोगोंके उत्साह को बढ़ाने के लिए ज़ुम्बा जैसे चीयरिंग जोन भी लगाए गए। जहाँ बीच-बीच में धावकों ने गानों के धुन पर डांस करते हुये अपने सफर को पूरा किया इन सब के बावजूद धावकों के बीच में प्रतिस्पर्धा भी देखने को मिल रही थी जहाँ, दौड़ के लिए निर्धारित अंतिम रेखा पर पहुँचने के लिए तेज रफ्तार में दौड़ते दिखे। इस मैराथन में हर उम्र के लोगों को देखा जा सकता था जहाँ सभी लोग कदम-से-कदम मिलाते दौड़ते दिखें।

सी एंड एफओ श्री ओंकार बगरिया, विभिन्न संकायों के संकायध्यक्ष, विभिन्न विभागों के प्रमुख और अन्य संकाय सदस्यों और कर्मचारियों ने आगे से नेतृत्व करते हुए दूरी को पूरा करने के लिए धावकों को प्रोत्साहित किया ।
इस कार्यक्रम में भाग लेने के लिए वीजीयू स्टाफ के परिवार के सदस्य भी बड़ी संख्या में पहुंचे थे। मैराथन में शामिल लोगों के साथ-साथ शहर के निवासी भी इस ऐतिहासिक क्षण को कैद करने के लिए धावकों के साथ विडियो और सेल्फी लेते दिखे।
इस मैराथन में अल्बर्ट हॉल के मुख्य गेट से वर्ल्ड ट्रेड पार्क के बीच की सड़कें पूरी तरह से लाल टी-शर्ट और राजस्थानी साफे से रंगी हुयी दिखाई दे रही थी । वर्ल्ड ट्रेड पार्क और जी.टी के बीच जो सड़क के किनारे स्टालों पर गर्म चाय का आनंद लेने के लिए युवाओं की भीड़ लगी हुई थी।

मैराथन के दौरान धावकों का उत्साह देखते ही बन रहा था और वरिष्ठ नागरिकों से लेकर बच्चे तक एक दूसरे के साथ स्पर्धा करते नजर आए।
चार वर्षीय अर्णव सिंह जो कि अपनी माँ के साथ मैराथन में भाग लेने आया था ने छः किलोमीटर की पूरी दूरी को तय किया और अपनी माता के तमाम आग्रहों के बाद भी उनकी गोद में जाने को तैयार नहीं हुआ। अर्णव सिंह का उत्साह न केवल मैराथन में आकर्षण का केंद्र रहा बल्कि दूसरे धावकों के लिए प्रेरणास्त्रोत बना रहा।
यूनिवर्सिटी से छात्रों के अलावा हर वर्ग से लोग दौड़े जिनमे सी एंड एफओ ई. ओंकार बगाड़िया और समस्त वी जी यू टीम मौजूद रही। इस दौड़ में शामिल होने वाले लोगों में ग्राम पंचायत सरपंचों के साथ ग्रामीण क्षेत्र के ५०० से अधिक छात्रों ने हिस्सा लिया। इस मैराथन में छात्रों को प्रोत्साहित करने के लिए २१ किलोमीटर और १० किलो मीटर की रेस पर कैश प्राइज भी रखा गया, जिसमे एन सी सी और एन एस एस से बड़ी मात्रा में छात्रों ने भाग लिया। २१ किलो मीटर की दौड़ में जीतने वालों में टॉप ५ में आने वाले एन सी सी के अजय सिंह चौहान , कार्तिक, सिद्धांत आर्या , एन एस एस के दिव्यांश बिश्नोई और पी एच डी के धारा सिंह मीणा रहे। दस किलो मीटर की दौड़ में जीतने वाले टॉप ५ में एन सी सी के दीपक बेनीवाल, भंवर लाल, दीपक चौधरी ,एन एस एस के कैलाश भादू और राज कुमार मीणा रहे। इन सभी छात्रों को २,१०० रुपये के कैश प्राइज से नवाज़ा गया। इनके अलावा १० किलो मीटर की दौड़ में यूनिवर्सिटी की फैकल्टीज ने भी हिस्सा लिया जिनमे डिप्टी डायरेक्टर अनिल बगड़िया, एच ओ डी , लॉ डॉ ऋचा चौधरी, आर्किटेक्चर मुकेश भाटी , अलाइड हेल्थ केयर से डॉ शालिनी दीक्षित और डॉ दीपिका कच्छावा शामिल हुए। डॉ दीपिका कच्छावा ने अपनी दौड़ के अनुभव को साझा करते हुए कहा कि -मैं विवेकानंद ग्लोबल यूनिवर्सिटी जयपुर के मैराथन के आह्वान पर इतनी ठंड के बावजूद भी, पूरे जोश के साथ भाग लिया तथा मुझे एक शानदार अनुभव मिला। दौड़ बहुत अच्छी तरह से आयोजित की गई थी। पर्याप्त मात्रा में जल/ सहायता केंद्र, स्वयंसेवक और प्रोत्साहन का ध्यान रखा गया ।
इतने बड़े सफल आयोजन के लिए वीजीयू और एयू को धन्यवाद।

वहीँ डॉ शालिनी दीक्षित ने कहा ,”यह मेरी पहली मैराथन थी और यह मेरे लिए खास रहेगी क्योंकि व्यवस्थाओं का ध्यान रखा गया और ट्रैक बहुत अच्छा था। सुबह-सुबह खुश चेहरों वाले इतने उत्साही लोगों को देखकर बहुत ऊर्जावान महसूस हुआ।
मैं निश्चित रूप से इसमें फिर से हिस्सा लुंगी और बेहतर बनकर जीतने का प्रयास करुँगी ।
से डॉ.दीपिका कछवावा हूं। मैं आपको बताना चाहती हूं कि यह मेरी पहली मैराथन थी और यह अद्भुत थी।




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