जयपुर हिलव्यू समाचार। संपादक शालिनी श्रीवास्तव / राजापार्क के भूमाफ़ियाओं को अवैध कब्ज़े करने की हिम्मत कहाँ से मिल रही है । खुल रहा उस राज से पर्दा । क्योंकि जब स्वयं स्थानीय विधायक कालीचरण सर्राफ ही इनका पोषक है। तो आखिर राजापार्क की आम जनता इन भूमाफ़ियाओं के बढ़ते हौसलों पर कैसे लगा सकती है लगाम ।
सबसे बड़ी बात यह है कि राजधानी जयपुर में कांग्रेस सरकार की नाक के नीचे बीजेपी विधायक, बीजेपी पार्षद , भूमाफ़िया, अवैध निर्माणकर्ता और अतिक्रमणकारीयों के मसीहा बने हुए हैं और गहलोत की कांग्रेस सरकार पंगु बनी इस ड्रामे की तमाशबीन बनी हुई है।
राजापार्क पंचवटी सर्कल के भूमाफियाओं को पनपाने में भी सबसे बड़ा हाथ विधायक कालीचरण सरार्फ का ही बताया जा रहा है !निजी संपत्तियों,सरकारी संपत्तियों पर नज़रें गढ़ाए रखने वाले यह भूमाफ़िया अब सार्वजनिक स्वास्थ्य लाभ या सुख-सुविधा के साधनों पर भी सेंध लगा रहे हैं।
गुरुनानकपुरा राजापार्क के गुरु गोविंद सिंह पार्क पर विधायक कोटे से ही हो रहा है अवैध निर्माण । सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की अवमानना कर सार्वजनिक पार्क में ही बन रहा है सामुदायिक भवन । सामुदायिक भवन के नाम पर किया जा रहा है पार्क की भूमि पर कब्ज़ा । राजापार्क के गुरु गोविंद सिंह पार्क के मुख्य द्वार पर बाएँ हिस्से में अवैध निर्माण चल रहा है। ठेकेदार से जानकारी लेने पर ज्ञात हुआ कि यहाँ सामुदायिक भवन बन रहा है। पार्क के ही परिसर में गुरुद्वारा है उसके पास ही यह निर्माण करवाया जा रहा है।
ईश्वरिय आस्था के नाम पर लोगों की आँखों में धूल झौंक कर कब्ज़ा करने वाले इन भूमाफ़ियाओं को हर घर,हर मकान,हर लावारिस ज़मीन,सरकारी ज़मीन, सार्वजनिक संपत्ति फ्री का माल लगती है । राम राम जपना पराया माल अपना यही सोचकर इन भूमाफ़ियाओं का खेल शुरू होता है । सरकारी संपति को हजम करने में विधायक कालीचरण सर्राफ का भी बड़ा सहयोग है । आप यह आडियो सुनकर खुद निर्णय ले सकते हैं की विधायक की कितनी मेहरबानी है इस गौरखधंधे में ।
नगर निगम ग्रेटर आयुक्त महेंद्र सोनी,नगर निगम ग्रेटर मालवीयनगर जोन उपायुक्त महेश मान,पार्षद स्वाति परनामी या कोई भी नेता,जनप्रतिनिधि या प्रशासनिक अधिकारी इन भूमाफ़ियाओं को नियंत्रित नहीं कर पा रहा क्योंकि इनको विधायक का आशीर्वाद प्राप्त है ।गहलोत सरकार के कार्यकाल में भाजपा विधायकों की शह पर लगातार हो रहे अवैध निर्माण और अतिक्रमण सरकार के फेलियर सिस्टम को प्रमाणित करते हैं साथ ही शासन-प्रशासन की मिलीभगत और भ्रष्टाचार को भी उजागर करते हैं।