90 विधायकों ने इस्तीफे वापस लेने के लिए विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी को लिखे पत्र
आलाकमान के निर्देश पर भेजे पत्र
शालिनी श्रीवास्तव की स्पेशल रिपोर्ट
कांग्रेस आलाकमान ने चुनावी माहौल से पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट खेमों के बीच सुलह कराने पर काम शुरू कर दिया है। 25 सितंबर को कांग्रेस विधायक दल की बैठक का बहिष्कार करने के बाद इस्तीफा देने वाले गहलोत गुट के 90 विधायकों को अब इस्तीफे वापस लेने को कहा गया है। गहलोत गुट के विधायक 25 सितंबर विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी को दिए गए इस्तीफे वापस लेंगे। आलाकमान के इशारे को देखते हुए कुछ विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी को इस्तीफा वापस लेने का पत्र भी भेज दिया है। प्रभारी सुखजिंदर रंधावा ने शुक्रवार को सुबह विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी से उनके सरकारी बंगले पर मुलाकात की थी।
प्रभारी रंधावा ने विधानसभा अध्यक्ष डॉ.सीपी जोशी के साथ मुलाकात में कांग्रेस हाईकमान के मैसेज का हवाला देकर विधायकों के इस्तीफा विवाद को निपटाने पर चर्चा की। रंधावा के विधानसभा अध्यक्ष डॉ.सीपी जोशी से मुलाकात को दोनों गुटों में सुलह की कोशिश के तौर पर माना जा रहा है। 23 जनवरी से विधानसभा का बजट सत्र शुरू हो रहा है। सीएम गहलोत गुट के करीब 90 विधायकों ने 25 सितंबर को इस्तीफे दिए थे। उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने सीएम गहलोत गुट के विधायकों के इस्तीफों को लेकर हाईकोर्ट में रिट दायर कर रखी है और इस रिट पर हाईकोर्ट ने विधानसभा अध्यक्ष से जवाब भी मांगा है। भाजपा ने सीएम गहलोत गुट के विधायकों के इस्तीफों को मुद्दा बना रखा है। जैसे ही बजट सत्र शुरू होता, भाजपा विधानसभा अध्यक्ष डॉ.सीपी जोशी से इस्तीफों पर स्थिति साफ करने को कहती। बीजेपी के मांग करने पर विधानसभा में स्पीकर को रूलिंग देनी ही पड़ेगी। बजट सत्र से पहले सभी विधायकों के इस्तीफे वापस करवाने की मंशा राजनीतिक रणनीति का प्रतीक है।