राजधानी के दिल राजापार्क में माफ़ियाओं के पास है करोड़ों की अवैध संपत्ति
जल्द ही राजापार्क क्षेत्र के लिए जाँच एजेंसियाँ होंगी सक्रिय जाँच-पड़ताल के लिए ।
आँख वाले अंधे प्रशासन को पारखी नज़र का चश्मा पहनायेगा हिलव्यू समाचार
भ्रष्टाचार की सिद्धियाँ प्राप्त बबला उर्फ़ हरभजन सिंह बना कौड़ियों से करोड़ों का मालिक
एक-एक माफ़िया के काले कारनामों का हिलव्यू समाचार करेगा ख़ुलासा
कैसे और किस-किस को हुआ फ़र्ज़ी बेचान पंचवटी सर्कल की सरकारी संपत्तियों का*
कौन हैं आख़िर राजस्थान का अतीक अहमद , समाज में चारों ओर तेज़ी से माफ़ियागुट सक्रिय हैं ब्याज़ माफ़िया,खनन माफ़िया,भूमाफ़िया,बजरी माफ़िया,सेक्सरैकैट माफ़िया,बलात्कारी, हत्यारे,चोर-उचक्के,आतंकवादी, सट्टेबाज़, जुआखोर या खाईवाल इन सबको पनपाने वाला है कौन आख़िर?
पँचवटी सर्कल पर सहकारिता विभाग की सरकारी ज़मीन,पुराने सरकारी डाकघर,सरकारी स्कूल और बन्नूवाल कमेटी की करोड़ों की सरकारी ज़मीन का होगा ज़रूर हिसाब-क़िताब , ख़ुलासा होगा राजापार्क के भूमाफ़ियाओं के सैक्स रैकेट्स,जुआ-सट्टा खेलने व हुक्काबारों का
हम बात करते हैं इनमें से एक भूमाफ़िया के बारे में चर्चा करते हैं आज उसके बारे में वो है हरभजन सिंह उर्फ़ बबला!
राजकीय प्राथमिक विद्यायल की एवं बन्नूवाल कमेटी की करोड़ों की ज़मीन के कब्ज़े का मुख्य पात्र और माफ़ियाओं का सरदार है हरभजन सिंह उर्फ़ बबला राजापार्क के आसपास के सभी माफ़ियाओं का सरदार है हरभजन सिंह उर्फ़ बबला जो भीतर से बेहद डरा हुआ और कमज़ोर आदमी है लेकिन अवैध कमाई से कमाये हुए करोड़ों रुपयों से उसने शासन और प्रशासन के बिकाऊ और भ्रष्ट लोगों को खरीद लिया है और इसी तरह आसपास कई चमचे पाल लिए हैं जो कहने को करोड़पति या अरबपति होंगे लेकिन बबला की शरण और चरण ही उनकी दुनिया है बाक़ी उन माफ़ियाओं का हरभजन सिंह उर्फ़ बबला के सामने कोई वजूद नहीं। जुआ,सट्टा,खाईवाली के साथ-साथ कई अवैध बहुमंज़िला बिल्डिंग्स,कैफ़े,बियर बार,हुक्काबार,होटल,फॉर्म हाउस हरभजन सिंह उर्फ़ बबला की संपत्ति का हिस्सा है।
शालिनी श्रीवास्तव /जयपुर हिलव्यू समाचार। 2008-09 में एक सामान्य सा आम आदमी ऑटो चलाकर परिवार का पेट पालता था। धीरे-धीरे खाईवाली जुआ सट्टा के धंधे में पैर जमाता है और उस पर इस दौरान कुछ थाना-कचहरी के केस बनते हैं इसी गुंडागर्दी के मार्ग पर चलते-चलते पुलिस वाले को मारा और कुछ विशेष केसों में फ़रारी काटी गुरुद्वारे को अपनी शरणस्थली बनाया जो कि धार्मिक दृष्टि ही नहीं बल्कि इंसानियत की दृष्टि से बेहद शर्मनाक बात थी और देखते ही देखते माफ़ियागिरी और खाईवाली में कुछ ही सालों में किराये का ऑटो चलाते-चलाते ढाबे पर रोटियाँ सेकते सेकते अपनी ख़ुद की ऑडी में जा बैठा यह माफ़ियामेन।
यह एक बहुत बड़ा प्रश्न है कि 14-15 सालों में कौनसी जादू की छड़ी या पारस पत्थर हाथ लग गया इस माफ़िया मेन के कि करोड़ों की संपत्ति बना ली इस सामान्य ऑटो चालक ने। न कोई बिज़नेस किया न कोई टैलेंट शो में हिस्सा लिया न ही कोई लाटरी लगी न ही कोई ख़ज़ाना हाथ लगा। शैक्षणिक स्तर भी इतना नहीं था कि शिक्षा की सीढ़ियाँ चढ़कर संपत्ति अर्जित कर ली गई हो! फिर क्या वजह रही कि हरभजन सिंह उर्फ़ बबला कि आज करोड़ों की संपत्ति का मालिक बनकर बैठ गया है।
मालवीयनगर जोन ग्रेटर नगर निगम में हर नए उपायुक्त से मुलाक़ात करके अपनी सेटिंग बैठाना और इसी तरह सभी विभागों में अपना रुतबा बनाकर अपने फ्लैट पर उनका हर तरह से स्वागत सत्कार करके अवैध धंधों के लिए रास्ता बनाना लाइजनिंग बैठाना बबला उर्फ़ हरभजन सिंह का काम है।राजापार्क में एक फ्लैट का संचालन सिर्फ़ इसीलिए है कि उसमें बड़े-बड़े अफ़सर,सामान्य कर्मचारी,बिल्डर्स विशेष परिचितों का स्वागत सत्कार होता है वहाँ इन सभी विशेष लोगों का आना जाना है। माँस,शराब और शबाब परोसने का बादशाह बना बबला प्रशासनिक और शासनिक दबदबा बनाने के सारे हथकंडे अपनाता है जल्द ही इसका खुलासा होगा अगले अंक में।
सीमा अग्रवाल के नाम से राजकीय प्राथमिक विद्यालय आदर्शनगर व बन्नूवाल कमेटी की करोड़ों-अरबों की ज़मीन पर कब्ज़ा करके लाखों का अवैध किराया वसूल रहा है बबला और इसमें उसके साथ हैं कई माफ़ियाओं की गैंग। फ़र्ज़ी रजिस्ट्री और फ़र्ज़ी किरायेनामों में एक फ़र्ज़ी वकील भी साथ जुड़ा हुआ है। जेडीए,नगर निगम में अच्छी खासी रक़म खिलाकर,फ्लैट पर बुलाकर ग्लैड करना और काम निकलवाना बबला उर्फ़ हरभजन का बाएँ हाथ का खेल है। इस तरह बबला ने 14-15 सालों में अवैध धंधों से करोड़ों की संपत्ति बना ली। कुल मिलाकर कहाँ-कहाँ कौन कौनसी प्रॉपर्टी किस-किस तरीक़े से अर्जित हुई यह हम आपको बताते रहेंगे।
कुछ प्रश्न हैं शेष जिनका जवाब जल्द आएगा सामने? ■कौन है सीमा अग्रवाल,क्या करती हैं काम? कौन था गोल्डी या कौन था विजय पूनिया?*
■हाई प्रोफाइल बनाम प्रॉस्टीट्यूट का धंधा कहाँ और कैसे संचालित है इनका इतिहास और वर्तमान जल्द होगा आपके सामने और आएगा सारा सच सामने!
■ कैसे और किस वकील की फ़र्ज़ी नोटेरी से हुई फ़र्ज़ी रजिस्ट्रियां और कैसे बने फ़र्ज़ी किराएनामे
■ कैसे और किस-किस को हुआ फ़र्ज़ी बेचान पंचवटी सर्कल की सरकारी संपत्तियों का
प्रश्न ये है कि निगाहें कैसे चूक रही है जाँच एजेंसियों की इन भूमाफ़ियायों से ? हालांकि नज़र का चश्मा हिलव्यू समाचार नगर निगम मालवीय नगर जोन,नगर निगम ग्रेटर ,मुख्यालय, एसीबी, ईडी, आयकर विभाग, मुख्य सचिव, डीजीपी,सभी जाँच एजेंसीयों को दे आया है अब देखना ये है कि जाँच की कार्यवाही कब होती है?*