एक तरफ खाईवाली के धंधे से कर रहे मोटी काली कमाई व दूसरी और आवासीय भूखण्ड के कमर्शियल शोरूम्स से कर रहे करोड़ों की कमाई ।
धन कमाने के दोनों ही तरीके ग़लत एक धंधे से समाज को धोखा दूसरे धंधे से सरकार को
आवासीय प्लॉट में कॉमर्शियल निर्माण कर करोडों रुपये में शोरूम बेच रहे तुलसी त्रिलोकानी को आख़िर क्यों नहीं है शासन-प्रशासन का डर ना ख़ौफ़ सीजर का ना ध्वस्तीकरण का डर ??
राजापार्क गली न.02 के एलबीएस के मुख्य मार्ग पर आवासीय प्लॉट न.386 पर बनकर खड़े हो गए हैं 5-6 करोड़ के शोरूम्स!
शालिनी श्रीवास्तव / हिलव्यू समाचार, जयपुर।
खाइवाले के धंधे ने जहाँ एक तरफ़ कई घरों को बर्बाद किया वहीं दूसरी ओर अवैध निर्माणों और अतिक्रमणों ने मालवीयनगर जोन नगर निगम ग्रेटर को कोड़ियों के भाव में लाकर खड़ा कर दिया है। इसी तरह तुलसी खाईवाल राजापार्क गली नम्बर 2 के कॉर्नर पर आवासीय प्लॉट में कॉमर्शियल निर्माण कर मालवीय नगर निगम जोन के राजस्व को धोखा दे रहा है। बिना परमिशन लिए,बिना सेटबैक छोड़े,बिना फायर एनओसी मन्ज़िल दर मन्ज़िल बना रहे हैं करोड़ों की बिल्डिंग्स खड़ी की जा रहीं हैं। अगर परमिशन लेते भी है तो दिखावे के लिए परमिशन ली जाती है और इसी परमिशन की आड़ में होता है अवैध कॉमर्शियल बिल्डिंग बनाने का सिलसिला।
आवासीय प्लॉट को कॉमर्शियल कराये बिना निर्माण कर आवासीय प्लाट में शो रूम या दुकानें बनाकर करोडों कमाने वाले बिल्डर्स शासन और प्रशासन को हर तरह से राजस्व का घाटा देते है मात्र मालवीय नगर निगम जोन ही नहीं बल्कि इनकमटैक्स डिपार्टमेंट को दिये जाने वाले टैक्स की चोरी करने में सिद्धहस्त है ये बिल्डर्स। इन्हें किसी का खौफ़ नहीं क्योंकि शासन-प्रशासन से सेटिंग है ।गहलोत सरकार का इस विषय पर निकम्मापन एक दिन इन बिल्डर्स की बर्बादी का कारण ज़रूर बनेगा। वो दिन दूर नहीं जब यह अवैध निर्माण और अतिक्रमण ध्वस्तीकरण की भेंट चढ़ेंगे।