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राजधानी के दिल की धड़कन राजा पार्क ख़तरे की कगार पर खड़ा

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राजापार्क में बिना फायर एनओसी के खड़ी गगनचुंबी इमारतें , बिना अनुमति, बिना नक़्शे लेआउट प्लान के हो रहा करोड़ो-अरबों का व्यापार राजधानी के दिल की दिल की धड़कन कहा जाने वाला राजा पार्क आज ख़तरे की कगार पर खड़ा है। यह एक बहुत बड़ा विषय है —
खतरे की कगार पर खड़ा राजा पार्क
बिना अनुमति,बिना नक़्शे करोड़ो-अरबों का व्यापार
यह अवैध बिल्डिंग्स शासन-प्रशासन की आँखों से ओझल
राजा पार्क में प्लॉट नंबर 101,राम गली नंबर 5 बहुत बड़ा उदाहरण
नीचे 5-7 सर्वेंट रूम बनाए गए हैं एक कमरे की कीमत 5 से 8 लाख
राजापार्क में बिना फायर एनओसी के खड़ी गगनचुंबी इमारतें
बैसमेन्ट में बने अवैध कमरे और उनमें काम आते सिलेंडर
राजधानी के दिल की धड़कन राजा पार्क खतरे में
सूरज मैदान,राजापार्क में अवैध रूप से खड़ी बिल्डिंग प्लॉट 116
बिना स्वीकृति,बिना फायर एनओसी,निर्माणाधीन प्लॉट न.115
शासन-प्रशासन में बाँटने वाले पैसों की बिल्डर कर रहा रिकवरी
अवैध बिल्डिंग लगातार सरकार को कर रही चैलेंज
पार्किंग एरिया में बनाए फ्लैट जिनकी क़ीमत 70से 80 लाख
अवैध निर्माणों को गति दे रही शासन प्रशासन की मिलीभगत
अगले अंक में हिलव्यू समाचार करेगा और भी खुलासे
●राजा पार्क में प्लॉट नंबर 101,राम गली नंबर 5 इसका एक बहुत बड़ा उदाहरण है कि उसमें नीचे सर्वेंट 5-7 रूम बनाए गए हैं जिनमें एक कमरे की कीमत 5 से 8 लाख रुपये है।इसके अतिरिक्त पार्किंग एरिया में फ्लैट्स बना लिए गए हैं जिनकी क़ीमत 60-70लाख है। यानी जो पैसा बिल्डर शासन-प्रशासन में बाँटता है वह इस तरह से रिकवरी कर रहा है। बेसमेंट में खाना बन रहा है सिलेंडर प्रयोग हो रहे हैं तो बिल्डिंग की क्या पोजीशन होगी वह तो बारूद पर खड़ी है।
प्लॉट न.115 निर्माणाधीन है ख़तरे के लिए। बिना स्वीकृति,बिना फायर एनओसी,बिना, नक़्शे लेआउट प्लान के यह बिल्डिंग्स कैसे बन रहीं हैं इसका जवाब हम दे चुके हैं। बिल्डिंग प्लॉट 116, सूरज मैदान,राजापार्क में अवैध रूप से खड़ी है। जिसकी स्वीकृति,फायर एनओसी,नक़्शा प्लान सब कहाँ हैं। मुख्य मार्ग पर खड़ी यह अवैध बिल्डिंग्स क्या शासन-प्रशासन की आँखों से ओझल हो गईं हैं।
यह बताने की आवश्यकता नहीं है इस तरह की बिल्डिंग में लगातार सरकार को चैलेंज कर रही है और आने वाले को खतरे की घंटी के रूप में बज रही है। इसी सीरीज में अगले अंक में और खुलासे होंगे।
कुछ ख़ास बिंदु
◆लगातार बनती गगनचुंबी बिल्डिंग्स बिल्डिंग बायलॉज का उल्लंघन करके बनती जा रही हैं। ◆ अवैध निर्माण के रूप में खड़ी होती यह बिल्डिंग्स बिना फायर एनओसी के मुँहबाय ख़तरे को निमंत्रण दे रही हैं ।◆ शासन और प्रशासन को खरीदती हुई यह बिल्डिंग्स लगातार आमजन के जीवन का खतरा बनी हुई है क्योंकि बेसमैंट में सिलेंडर का धड़ाधड़ प्रयोग कर रहे हैं बेसमैंट के निवासी ।◆ जी प्लस फोर के नियम को तोड़ती लिए बिल्डिंग्स 5 से 8  मंज़िल बन रही हैं ।◆ बिना अनुमति, बिना नक़्शे, बिना ले आउट प्लान के बनती यह अवैध बिल्डिंग्स आमजन के जीवन से लगातार खेल रहीं हैं ।◆ बेसमेंट में भी 5 से 10 सर्वेंट क्वार्टर्स बनाए जा रहे हैं जिनमें प्रत्येक की क़ीमत 5 से 8 लाख रुपये हैं  लालच की पराकाष्ठा देखिए कि ग्राउंड फ्लोर में जहां पार्किंग एरिया होता है उसमें भी फ्लैट बना दिए गए हैं जिनकी क़ीमत 70-80 लाख रुपये है। बिल्डरों के हौसले बुलंद हैं। उनके खज़ाने भर रहे हैं और आम जनता के पर खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है।
कड़वा सच-
शासन और प्रशासन से बिना अनुमति कोई कार्य नहीं हो सकता। शासन प्रशासन की मिलीभगत लगातार इस तरह के अवैध निर्माणों को गति दे रही है। बिल्डिंग बायलॉज के उल्लंघन में बिना फायर एनओसी ,बिना स्वीकृति,बिना ले-आउट प्लान,बिना नक़्शे के ये सारे बड़े बड़े प्रोजेक्ट पूरे कैसे हो रहे हैं ?लगातार बनती यह बिल्डिंग्स आसपास के जीवन के लिए भी खतरा बनी हुई हैं।आखिर शासन और प्रशासन सख्ती क्यों नहीं बरत रहा है? क्योंकि शासन प्रशासन का मुँह पैसों से भर दिया जाता है।




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