देश की समुद्री ताकत को सुदृढ़ करने के लिए नौसेना के बेड़े में ‘मोरमुगाओ’ को शामिल कर लिया गया है। आधुनिक हथियारों से लैस परमाणु, जैविक और रासायनिक युद्ध में सक्षम ‘मोरमुगाओ’ जहाज रविवार को औपचारिक रूप से भारतीय नौसेना की नई ताकत बन गया। प्रोजेक्ट 15 बी के तहत बनाया गया स्टील्थ गाइडेड मिसाइल विध्वंसक का दूसरा जहाज रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने नौसेना के बेड़े में शामिल किया। हिंद महासागर में चीन की बढ़ती गतिविधियों के बीच इस युद्धपोत का भारत की समुद्री सेना में शामिल होना महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इस युद्धपोत के नौसेना में शामिल होने के बाद भारत की ताकत तीन गुना बढ़ जाएगी।
इस शानदार पोत की लंबाई 163 मीटर, चौड़ाई 17 मीटर और वजन 7400 टन है। इसकी गिनती भारत में निर्मित सबसे घातक युद्धपोतों में होती है। पोत को शक्तिशाली चार गैस टर्बाइनों से गति मिलती है। यह पलक झपकते ही 48 समुद्री मील तक की गति पकड़ सकता है। इसकी बाहरी परत को स्पेशल स्टील से बनाया गया है, इसलिए दुश्मन का रडार भी इस पोत को आसानी से नहीं पकड़ सकता। मोरमुगाओ ‘उत्कृष्ट’ हथियारों और दूरसंवेदी उपकरणों से लैस है। इसमें जमीन से जमीन पर तथा जमीन से हवा में मार करने वाली मिसाइलें लगी हैं। पोत में लगा उसका आधुनिक निगरानी रडार लक्ष्य के बारे में सीधे तोप प्रणाली को भी सूचित कर देता है।