कोटा हिलव्यू समाचार।पत्रकार पवन भटनागर,कैलाशपुरी कोटा/ जैन भगवान महावीर बाल उद्यान बना कोटा की बदहाली का नमूना ..और यू आई टी की कार्यप्रणाली कोटा प्रबन्धन पर कलंक
जैन दिवाकर चिकित्सालय के पास तालाब के किनारे पर स्थित भगवान महावीर बाल उद्यान इन दिनों बदहाली का अड्डा पार्क में विश्व अहिंसा मैत्री स्तम्भ का जर्जर पेडस्टल और शराब की खाली बोतलें, क्यारियों में पॉलिथीन बैग,डिस्पोजल गिलास,अनाप-शनाप कचरा कह रहा कामचोरी की कहानी
स्थानीय लोगों और जैन समाज के गणमान्य नागरिक भी नगर विकास न्यास की इस लापरवाही से हैं सख़्त नाराज दिवाकर चिकित्सालय के समीप, तालाब के किनारे पर स्थित भगवान महावीर बाल उद्यान इन दिनों बदहाली का शिकार हो गया है, सड़ते जनसुविधा स्थल, टूटे फूटे अधिकांश झूले, विश्व अहिंसा मैत्री स्तम्भ का जर्जर पेडस्टल, कोनों में पड़ी शराब की खाली की गई बोतलें, क्यारियों में पॉलिथीन बेग ओर डिस्पोजल गिलास यह सब देख कर ऐसा लगता है जैसे शिक्षा की काशी में सौंदर्यीकरण का फूटा ढोल पीटने वाले नगर विकास न्यास प्रशासन ने भगवान महावीर बाल उद्यान को पूरी तरह से लावारिस मान कर छोड़ दिया है,
मध्यम वर्गीय परिवार के नौनिहाल जब अपने परिवार जनों ओर माता पिता के साथ आते तो इस पार्क की दुर्दशा को देख कर मायूस हो जाते हैं, स्थानीय लोगों ओर जैन समाज के गणमान्य नागरिक भी नगर विकास न्यास की इस लापरवाही से सख्त नाराज हैं, उनका कहना है की हमनें देश की राजधानी में भी अपना प्रभावी प्रतिनिधि बिठाया, प्रदेश की राजधानी में भी दूसरे नम्बर का प्रतिनिधि दिया हुआ है इस सबके बाद भी यदि भगवान महावीर के नाम से जाना जाने वाला बाल उद्यान इतनी दुर्दशा मे है तो यह घोर आश्चर्य का विषय है, अब देखना यह है की लोगों की नाराज़गी का असर क्या होता ।