राजापार्क व्यापार मंडल अध्यक्ष,बीजेपी व्यापार प्रकोष्ठ संयोजक रवि नैय्यर के ख़िलाफ़ धारा 354 सहित 323,341,504 व 3/25 आर्म्स एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज
गुंडागर्दी का आलम ऐसा की सरेआम महिला की अस्मिता से छेड़छाड़ और पिस्तौल निकाल कर जान से मारने के ख़िलाफ़ हुई है FIR दर्ज ?
आर्य समाज के उधार पैसों की वसूली को लेकर किया गया ये झगड़ा ?? , बीजेपी नेता रवि नैय्यर का क्या यही है वास्तविक रूप?
आदर्शनगर थाने ने नहीं की FIR , तो कोर्ट के माध्यम से पीड़िता ने करवायी FIR दर्ज
स्थानीय विधायक कालीचरण सर्राफ़ और वार्ड 149 की पार्षद स्वाति परनामी ने साधी चुप्पी
पीड़ित महिला है न्याय के इंतज़ार में
शालिनी श्रीवास्तव / हिलव्यू समाचार जयपुर। 21 मई 2023 को आदर्शनगर स्थित आर्य समाज में साप्ताहिक सत्संग में आये दंपत्ति के साथ दुर्व्यवहार ही नहीं महिला के साथ बदसलूकी सहित पिस्तौल निकाल कर जान से मारने की धमकी देने वाला रवि नैय्यर राजापार्क व्यापार मंडल अध्यक्ष व बीजेपी व्यापार प्रकोष्ठ संयोजक,गौ सेवक और समाज सेवक के रूप में समाज में अपनी पहचान रखता है।
जानकार सूत्रों से ज्ञात हुआ कि अमुक पति-पत्नी राजापार्क स्थित आर्य समाज मन्दिर में काफी लंबे समय से जुड़े हुए हैं। वैश्विक महामारी कोरोना के कारण कुछ समय के लिए मन्दिर में सेवा कार्य हेतु वे नहीं आये किंतु आर्य समाज से कुछ उधार कोरोना के वक़्त इन्होंने लिया जिसे सेवा कार्य से मिलने वाली राशि में ही समायोजित करवाने का निर्णय आर्य समाज प्रबन्धन के साथ हुआ था किंतु आर्य समाज से ही सेवा कार्य की राशि समय पर न मिलने से उधार समायोजित नहीं हो पाया।
इसी मुद्दे को लेकर राजापार्क व्यापार मंडल अध्यक्ष और भाजपा व्यापार प्रकोष्ठ संयोजक नेता रवि नैय्यर ने अपने कुछ समर्थकों के साथ 21 मई को सुबह 9-10 बजे इन दम्पति के साथ बीच सड़क पर मारपीट की। पिस्तौल निकाल कर उनके सामने तानकर जान से मारने की धमकी दी।महिला के साथ बदसलूकी की और उसकी अस्मत पर हाथ डालने की कोशिश भी की जैसा कि दिनाँक 23 जुलाई 2023 की FIR 0256/2023 में प्रकरण दर्ज है।
जबकि जानकार सूत्रों ने बताया कि रवि नैय्यर का आर्य समाज के प्रबंधन और कमेटी में कोई दख़ल नहीं है न ही वो आर्य समाज का कोई कार्यकर्ता या सदस्य है। मारपीट के बाद थोड़ा संभलने पर जब महिला ने आदर्श नगर थाने में एफआईआर दर्ज़ करने की कोशिश की तो आदर्शनगर पुलिस ने एफ आईआर दर्ज़ नहीं की और टाल दिया और बल्कि पीड़ित पक्ष को ही समझाया और डराया कि रवि नैय्यर भाजपा में राजनैतिक रसूख वाला आदमी है।उसकी भारतीय जनता पार्टी में बहुत तगड़ी साख है तो कोई उसका कुछ नहीं बिगाड़ सकता है।अंत मे थक-हार कर पीड़ित पक्ष ने कोर्ट के माध्यम से अपनी शिक़ायत दर्ज़ करवाई तब जाकर प्रकरण 21 मई 2023 की घटना की एफआईआर 27 जुलाई 2023 को दर्ज़ हुई।
जिस तरह से हर राजैनतिक रसूख व समाज में दबदबा रखने वाले व्यक्ति के ख़िलाफ़ दर्ज होने वाले मामलों में पुलिस का जो ढुलमुल रवैया रहता है वैसा ही आदर्शनगर थाने में भी देखने को मिला। एक तरफ़ प्रदेश में नहीं पूरे देश में महिला सशक्तिकरण की बात की जाती है। महिलाओं की अस्मिता की सुरक्षा की चर्चा लगातार सुर्खियों में रहती है वहीं दूसरी तरफ महिलाओं के साथ इस तरह के शर्मनाक व्यवहार की घटनाएँ आम हो गईं हैं।
◆पुलिस का रवैय्या बहुत ढीला,डरा देने,थका देने वाला ही मिलता है,आख़िर क्यों?
◆आख़िर क्यों हर FIR आजकल कोर्ट के आदेश के बाद ही दर्ज हो रहीं हैं?
◆क्या यही है शासन-प्रशासन और सभ्य समाज का असली चेहरा?
◆वजह चाहे जो भी हो समाज के ठेकेदार बनकर बैठने वाले ही जब खुलेआम इस तरह की शर्मनाक घटनाओं को अंज़ाम देते हैं तो यह सोचने का बहुत गम्भीर विषय बन जाता है की आख़िरकार आम जनता किस पर और कैसे भरोसा करें?
◆हो सकता है दंपत्ति लेन-देन के मामले को लेकर थोड़ा ग़लती पर रहे हों लेकिन इसके लिए आर्य समाज के प्रबंधन को क़दम उठाना था या क़ानूनी प्रक्रिया अपनानी थी न कि गुंडों-दादाओं को वसूली करने का रास्ता अपनाना चाहिए था।
इस संबंध में आर्य समाज के प्रबंधन से भी हिलव्यू समाचार की टीम जल्द ही टिप्पणी लेगी। मालवीय नगर विधानसभा क्षेत्र का यह मामला है। ऐसे में स्थानीय विधायक कालीचरण सर्राफ और पार्षद महिला स्वाति परनामी की निष्क्रियता और मौन मूक स्थिति कई प्रश्न खड़े करती है कि क्या भाजपा अपने नेताओं को खुले आम गुंडागर्दी करने की अनुमति और सहमति दे रही है। वार्ड 149 पार्षद स्वाति परनामी यूँ तो महिला सुरक्षा के मुद्दों पर झंडे गाड़ती नज़र आने का दावा करती हैं फिर यहाँ किस दबाव से चुप्पी साध गयीं हैं यह सोचने का विषय है।
नि:संदेह पीड़ित पक्ष विधायक और पार्षद के स्थानीय क्षेत्र के रहवासी नहीं है पर एक महिला पर अपने क्षेत्र में होने वाले अत्याचार पर चुप रहने वाले जनप्रतिनिधियों से जनता क्या अपेक्षा रख सकती है भविष्य में?
शासन-प्रशासन के मुँह पर तो महिलाओं से यह उत्पीड़न,छेड़छाड़,बत्तमीजी,बलात्कार के होते हादसे ज़ोरदार तमाचा हैं ही लेकिन आम जनता की चुप्पी और निष्क्रियता के कारण ही यह हादसे समाज में ग्रहण की तरह लगे हुए हैं।