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बिल्डर्स और जेडीए के भ्रष्ट अधिकारियों व कर्मचारियों की हो रही चांदी

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शिव मंदिर राजेन्द्र प्रसाद नगर ए के पास स्थित सार्वजनिक पार्क के पास खड़ी बहुमंज़िला अवैध बिल्डिंग जेडीए के भ्रष्टाचार की कहानी चीख चीख कर कह रही है

पी आर एन साउथ में आवासीय कॉलोनी में कॉमर्शियल निर्माण के चलते बनाया जा रहा है मज़ाक बिल्डिंग बायलॉज के नियमों का…

स्थानीय विधायक और पार्षद आख़िरकार क्यों है एकदम मौन???

क्या वजह है कि प्रवर्तन अधिकारी सुरेंद्र पंचौली भी नहीं दे रहे है ध्यान गगनचुम्बी बहुमंज़िला बिल्डिंग्स के अवैध निर्माणों पर

शालिनी श्रीवास्तव / हिलव्यू समाचार ,जयपुर।
डॉ राजेन्द्र प्रसाद नगर ए के कॉर्नर पर स्थित प्लॉट नम्बर 347 एवम 348 में जिस गति से अवैध निर्माण हो रहा है अपने आप में एक सवालिया निशान है शासन और प्रशासन पर।

एक तो ज़ीरो सेट बैक ऊपर से रैम्प के नाम पर आधी से ज़्यादा सड़क को और कवर कर लेना अपने आप में अपराध है जो कि प्रत्यक्ष दिखाई दे रहा है फिर भी जेडीए द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की जा रही। आवासीय इलाके में इस तरह से कॉमर्शियल निर्माण होने से आसपास के लोगों के सुख चैन में व्यवधान तो पड़ ही रहा है साथ ही साथ बिल्डर्स के हौसले भी बुलंद हो रहे हैं।

एक तरफ जहाँ ऐसी बिल्डिंगों के फ़्लैट्स या शो रूम्स के बेचान से प्राप्त होने वाली आय का एक हिस्सा नियमानुसार इनकम टैक्स, जेडीए और राजस्व विभाग में जाना चाहिए उसके ठीक विपरीत केवल और केवल बिल्डर्स और जेडीए के भ्रष्ट अधिकारियों व कर्मचारियों की चाँदी हो रही है। भूखण्ड पुनर्गठन, भू-रूपान्तरण नहीं करवाये बिना बड़े-बड़े प्रोजेक्ट खड़े हो रहे हैं।


जेडीए डिप्टी कमिश्नर कहते हैं कि प्रवर्तन शाखा इसकी ज़िम्मेदार है हमारा काम सरकारी भूमि पर होने वाले अतिक्रमण पर शिकंजा कसना है और प्रवर्तन शाखा पूरी की पूरी भ्रष्ट होकर काम कर रही है। आँख,नाक और कान बन्द रखने का भुगतान होते ही गूँगी, बहरी और अपाहिज़ बन बैठी है और बिल्डर्स को पूरा का पूरा भ्रष्ट सिस्टम सपोर्ट कर रहा है। स्थानीय विधायक और पार्षद का सहयोग भी इसी तरह प्राप्त होता रहता है इन बिल्डर्स को इसीलिए कोई कार्यवाही नहीं होती ।




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