मेहता डायग्नोस्टिक सेंटर गुरुनानकपुरा धड़ल्ले से सकड़ी गली में अवैध निर्माण बन रहा
आयुक्त ग्रेटर से प्रशासनिक पहुँच के चलते नहीं हो रही कोई कार्यवाही या जाँच-पड़ताल
राजापार्क की आवासीय कॉलोनियाँ हो गईं हैं गुम मालवीयनगर निगम जोन की दुर्दशा
राजापार्क में नहीं दिखेंगे अब आवासीय प्लॉट बिना परमिशन तब्दील हो रहे कॉमर्शियल बहुमंज़िला बिल्डिंग्स में ज़्यादातर आवासीय प्लॉट्स में निगम अनुमति के बिना चल रहा कमर्शियल अवैध निर्माण
शालिनी श्रीवास्तव /हिलव्यू समाचार, जयपुर। राजापार्क के गुरुनानकपुरा प्लॉट नम्बर 333 मेहता डायग्नोस्टिक सेंटर के मालिक ग्रेटर नगर निगम आयुक्त महेंद्र सोनी से सम्बंधों का हवाला देते हुए बिना परमिशन लिए कर रहे कमर्शियल अवैध निर्माण आवासीय प्लॉट में । मेहता डायग्नोस्टिक सेंटर राजापार्क बिल्डरों की दौड़ में शामिल हो ही गया है क्योंकि नगर निगम ग्रेटर आयुक्त से अच्छे संबंधों का फ़ायदा उठा रहा है और बिना परमिशन लिए और ज़िरोसेटबैक पर आराम से अवैध कमर्शियल निर्माण कर रहा है । सबसे बड़ी बात प्रशासनिक पहुँच के चलते अब तक नहीं हुई है कोई भी कार्यवाही न ही जाँच-पड़ताल के मिले हैं कोई आदेश नगर निगम मालवीयनगर जोन से। आवासीय भूखण्डों पर मल्टीस्टोरी फ़्लैट्स, शोरूम राजापार्क में शुमार पर है और तो और आवासीय भूखण्डों पर कॉमर्शियल निर्माण मालवीयनगर निगम जोन की पहचान ही बनता जा रहा है।कॉमर्शियल निर्माण करने के दौरान न बिल्डिंग बायलॉज के नियमों का ध्यान रखा जाता है और न ही आसपास के माहौल का। सकड़ी होती सड़कें गलियों की बदहाली बयान करती नज़र आती है। ऐसे में गली में डायग्नोस्टिक सेंटर का संचालन ट्रैफ़िक को भी प्रभावित करेगा और आसपास के रहवासियों के लिए भी सरदर्द का कारण बनेगा । लाखों रुपयों के आवासीय प्लॉट पर निर्माण कर करोड़ों रुपये की अचल संपत्ति बनाने वाले बिल्डर्स खुलेआम सरकार द्वारा बनाये गए नियमों का मज़ाक उड़ाते हैं और अपने शासनिक या प्रशासनिक रसूख की दुहाई देते नज़र आते हैं और शासन एवम प्रशासन मौन मूक दर्शक बनकर तमाशबीन बन कर देखते रहते हैं । आख़िर ऐसी क्या मज़बूरी है सरकार कि जो स्वयं सरकार अपने द्वारा बनाये गए नियमों की अवेहलना होने पर कोई कड़ी कार्यवाही नहीं कर रही न ही कड़े नियम निर्देश जारी कर रही। मालवीयनगर जोन नगर निगम ग्रेटर के अधिकार क्षेत्र में आने वाली यह अवैध बिल्डिंग्स किस तरह पनप रही हैं यह आयुक्त नगर निगम ग्रेटर महेंद्र सोनी इसका जवाब देने के ज़िम्मेदार हैं!