दिन दहाड़े हो रहे अवैध निर्माण को नकार रहा है नाकारा शासन और प्रशासन
जाँच कमेटी का नाटक ,गार्ड बैठाने की झूठी नौटंकी कर लगातार पल्ला झाड़ रहे आयुक्त विश्राम मीणा और उपायुक्त सुरेश राव नगर निगम हैरिटेज
ज़रा सा भवन नियम के विरुद्ध कोई आम आदमी या गरीब आदमी अवैध निर्माण करके देख ले उसके घर से गैंती फावड़े उठा ले जाते हैं निगम कर्मचारी लेकिन रसूखदार प्रभावशाली लोग पूरा का पूरा अवैध महल खड़ा कर देते हैं तो भी निगम के कान पर जूं नहीं रैंकती।
शासन और प्रशासन की मिलीभगत ने शहर अतिक्रमण और अवैध निर्माण को पालपौस रखा है। स्वयं नए डीजीपी उमेश मिश्रा ने भी अपने पद संभालते ही पुलिस प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा कि “अवैध निर्माण और अतिक्रमण को सहयोग देना बंद करें थानाधिकारी!” स्वयं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत इसके विरुद्ध बोलते नज़र आये हैं लेकिन अवैध निर्माण और अतिक्रमण झँझड़ी के झाड़ की तरह बढ़ते ही जा रहे हैं।
वार्ड पार्षद,स्थानीय विधायक,प्रशासनिक अधिकारी, कर्मचारी सब लिप्त हैं इस गोरखधंधे में। जिसने ज़रा चूं की उसका स्थानांतरण हो जाता है इसी भय से कोई अधिकारी कर्मचारी सरकार के इन वाशिंदों अर्थात पार्षद ,विधायकों और मंत्रियों के विरुद्ध क़दम नहीं उठाते।
हिंदुत्व भड़काकर साधु सियारामदास जैसे बाहरी तत्त्व जयपुर शहर यानी राजधानी में आकर 2000 के लगभग वर्गगज ज़मीन पर कब्ज़ा कर रहा है सबसे बड़ी बात वह ज़मीन जिस पर वह अब तक दोमंज़िला अवैध निर्माण कर चुका वह जेडीए द्वारा राजकीय बालिका विद्यालय के लिए आवंटित भूमि है। उसमें नकली शिलालेख 2005 के लगवाकर वह उस निर्माण को पुराना घोषित करने में लगा है। उसे कनकबिहारी मंदिर की जगह बता रहा है और तो आने वाले सप्ताह में इस निर्माण को वैध बताने के षड़यंत्र के चलते भव्य हवन का आयोजन करने जा रहा है। इसी की आड़ में वह लगातार भवन वेदियां बना रहा है और शासन-प्रशासन की जेबें वह गर्म कर चुका है। बड़े शर्म की बात है कि एक बाहरी बिहारी साधु ने स्थानीय विधायक रफ़ीक़ ख़ान,पार्षद संतोष कवंर,उप महापौर असलम फ़ारुखी, गलतागेट थानाधिकारी भगवानसहाय,अनुसंधान अधिकारी सुनील प्रसाद शर्मा सबको खरीद लिया है क्योंकि इनमें से कोई भी इस अवैध निर्माण के विरुद्ध कोई आवाज़ या कार्यवाही नहीं कर रहा। सबके नाक,कान,आँख बंद हैं और हाथ बंध गए हैं।