गोवर्धनपुरी,गलतागेट जयपुर निवासी पीड़ित राकेश आमजन जिसने देश की संपत्ति की रक्षा के लिए सरकारी नौकरी से इस्तीफ़ा दे दिया इन्होने राजकीय पुलिस कर्मचारी होते हुए भी समाज और जनहित के विरुद्ध हुए अवैध कार्य के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाने की हिम्मत की है।
अतिक्रमणकारी साधु सियारामदास कनक बिहारी मंदिर की आड़ में झूठा माहौल बनाकर योजनाबद्ध तरीक़े से हिंदुत्व की आड़ में शिक्षा विभाग की करोड़ों-अरबों की ज़मीन को हथिया रहा है जो कि जेडीए द्वारा राजकीय बालिका विद्यालय के लिए आवंटित की गई थी। इसके ख़िलाफ़ मैं व मेरे साथ स्थानीय नागरिक भी लगातार विरोध दर्ज कर रहे हैं। मौखिक व लिखित मय पुख़्ता साक्ष्यों के निगम हेरिटेज,जेडीए,शिक्षा विभाग,पुलिस आदि अफसरों व कार्मिकों को लगातार आगाह किया गया है किंतु प्रभावशाली क़ानूनी कार्यवाही करने के बजाए मेरा व अन्य शिक़ायतकर्ताओं का दमन किया गया। नकली किराए की भीड़,विधायक ,पार्षद आदि ने एकत्रित होकर मुझे व मेरे परिवार को डराया,भय आतंकित कर मॉब लीचिंग जैसे प्रयास किए।
मेरे घर के सामने तलवार से केक काटकर भय का वातावरण रफ़ीक़ ख़ान और सियारामदास ने बनाया। कलश यात्रा की आड़ में मेरे घर के आगे भीड़ इकट्ठी कर दबाव बनाने का प्रयास किया इन सबकी शिकायत मैंने लगातार तात्कालिक डीजीपी लाठर व संबंधित एवं अधीनस्थ पुलिस को लिखित मौखिक मय पुख्ता साक्ष्यों के साथ की मगर मेरी इस गंभीर शिक़ायत पर कोई एक्शन नहीं लिया गया । स्थानीय पुलिस ने इस मामले को न गंभीरता से लिया न FIR दर्ज की। इनके द्वारा मेरे व मेरे परिवार पर अपमानजनक शब्दों से दबाव बनाया गया जिस पर मैंने एसएसटी एडीजे कोर्ट का सहारा लिया जिसकी FIR पृष्ठ 04 पर अंकित है। इस तरह विधायक रफ़ीक़ ख़ान सहित 23 लोगों पर पहली बार FIR दर्ज कर जाँच के आदेश हुए जो अभी शेष है। मेरे साथी मित्र राजेश सोनी द्वारा लिए अवैध निर्माण स्थगन आदेश को साधु सियारामदास व आदर्श नगर जोन द्वारा गुमराह कर ख़ारिज़ करवा लिया जाकर आंशिक रंग-रोगन के आदेश पास करवा लिए गए हैं।
शासन और प्रशासन क्यों साधु सियाराम दास के इशारों की पुतली बना हुआ है यह समझ के बाहर है। मैं सही फ़ैसले के लिए अंतिम वक़्त तक लडूँगा।