राजनैतिक रसूख और मीडिया की पावर का दुरुपयोग कर दबाव बनाता रहा शोषित व पीड़ित पक्षों पर
भाजपा का नगर अध्यक्ष व पत्रकार चंद्रप्रकाश गेरा उर्फ काजू गेरा ने 65 लोगों के साथ ज़मीन बेचान को लेकर की धोखाधड़ी व जालसाजी।
छबड़ा थाने में पीड़ित पक्ष की शिक़ायत डेढ़ माह की जद्दोजहद के बाद हुई दर्ज
धोखाधड़ी,जालसाजी व अविश्वास को लेकर धारा 420 व 406 में दर्ज की गई है FIR
राजनैतिक आड़ में अनैतिक कार्य और मीडियामेन के रूप में माफ़ियागिरी का होता नंगा नाच ?
आख़िर चंद्रप्रकाश गेरा को किसका है आशीर्वाद प्राप्त?
इस तरह के कई प्रसंग कई प्रश्न लेकर खड़े हैं शासन और प्रशासन के द्वार पर न्याय के लिए
शालिनी श्रीवास्तव / बाराँ हिलव्यू समाचार। छीपाबड़ौद रोड पर भूमि खसरा नंबर 319 रकबा 7 बीघा 4 बिस्वा भूमि में एक तिहाई पर ही रजिस्टर्ड विक्रय पत्र का अधिकार रखने वाले काजू गेरा ने अपने रसूख के माध्यम से 2008 में 65 लोगों को बनाया अपनी धोखाधड़ी का शिकार।
चंद्र प्रकाश गेरा द्वारा निर्मित कॉलोनी का नाम बजरंग नगर कॉलोनी है जिसमें लगभग 65 लोगों ने अपनी जमापूँजी को सुरक्षित करने या बच्चों को शहर में पढ़ाने के मक़सद से घर बनाने के लिए प्लॉट खरीदे लेकिन भूखंड क्रेताओं के साथ धोखाधड़ी हो गई जब वो पैसों की गुंजाइश होने पर मकान बनाने मौक़े पर पहुँचे। वहाँ पहले जिन्होंने घर बना लिए उनका रास्ता बंद होने का मामला सामने आया फिर इन क्रेताओं को ज्ञात हुआ कि 25×40 व 25×50 के सभी प्लॉट्स 20-20 फिट कम हैं इस संबंध में कॉलोनाइजर क्रेता काजू गेरा के पास पैमाईश की बात लेकर पहुँचे लेकिन धोखेबाज और अभिमानी कॉलोनाइजर ने देश की तीसरी बड़ी मीडिया व राजनैतिक दबदबे की धमकियाँ देकर भगा दिया।
65 लोगों में से कुछ लोगों ने छबड़ा थाने में परिवाद दिया लेकिन डेढ़ माह तक केवल चक्कर काटते रहे पीड़ित पक्ष के लोग। आख़िर डिप्टी थाना छबड़ा के दख़ल के बाद हरिओम पुत्र मदन लाल कुमावत निवासी प्रताप नगर प्रथम छबड़ा की FIR 327 22 जुलाई 2023 को दर्ज हुई।
प्रार्थी हरिओम कुमावत ने बताया कि उसने 3 प्लॉट अपनी मां नटी बाई के नाम से खरीदे थे जिनके प्लॉट संख्या 3,4 एवं 5 है। जिसकी संपूर्ण राशि अदा करने पर तीनों प्लॉट की रिपोर्ट की फाइल काजू गेरा ने इन्हें दे दी थी।उस समय खरीदने के दौरान जमीन खाली थी लेकिन वर्तमान में जब वह यानी हरिओम निर्माण करवाने के मक़सद से मौक़े पर पहुंचा तो सभी भूखण्ड की साइज कम निकली अन्य लोगों से भी चर्चा करने पर ज्ञात हुआ कि सभी के साथ यहाँ पर धोखाधड़ी हुई है। अब काजू गेरा कोई भी सुनवाई नहीं कर रहा। कॉलोनाइजर चंद्रप्रकाश गेरा के पास जितनी जमीन थी उससे ज्यादा प्लॉट उसने काट दिए। इस वजह से सभी बेचान किए हुए कर्ताओं के पास जमीन कम पड़ रही है और काजू गेरा सभी की पूंजी हड़प कर अब कोई सुनवाई करने को तैयार नहीं।
शासन-प्रशासन में जो काजू गेरा की मिलीभगत है उसके चलते कोई भी कार्यवाही अब तक नहीं हुई है। नगरपालिका छबड़ा को इसमें संज्ञान लेना आवश्यक है ताकि ज़मीन माफियाओं से इस तरह आगे कोई शिकार न हो।