31 साल से जयपुर में डीएलबी डायरेक्टर हृदेश शर्मा मलाईदार पोस्टों पर करते आ रहे हैं मनमानी?
मलाईदार पदों का दुरुपयोग करके जेडीए जोन 10 के प्रतिबंधित इकोलॉजिकल जोन में 2000 वर्गगज में बनाया शानदार अवैध पक्का बंगला
डीएलबी डायरेक्टर हृदेश शर्मा के पिता हरिहर स्वरूप शर्मा के नाम से हुआ है अवैध पट्टा आंवटित पट्टा वह जिसमें खसरा नंबर और भूखण्ड संख्या नहीं है अंकित। गवाह में स्वयं हृदेश शर्मा डीएलबी डायरेक्टर के हैं हस्ताक्षर
आख़िर जेडीए के तात्कालीन भ्रष्ट अधिकारियों ने जामडोली के किस खसरा नंबर पर किस प्लॉट संख्या का किया था आवंटन पिता हरिहर स्वरूप शर्मा को?
अवैध बंगले पर अंकित है IMPAKT 133-34, केशव गार्डन स्कीम, जामडोली जयपुर -302031 व GSTIN नंबर भी है अंकित जिसका जिक्र होगा अगले अंक में
जामडोली स्थित इस बंगले की नहीं है निर्माण स्वीकृति, नक़्शा ले आउट प्लान क्योंकि अनुमोदित नहीं है आवासीय योजना के लिए सम्बंधित क्षेत्र
सरकारी 3-3 गाड़ियों का दुरुपयोग जयपुर से जामडोली की दूरी तय करने में मदद करता ही है इसके बारे में अगले अंक में ख़ुलासा ।
अवैध पट्टा जारी हुआ कैसे? 18 अक्टूबर 2002 को विक्रय पत्र संख्या 237 का पट्टा पिता हरिहर स्वरूप शर्मा के नाम आवंटित हुआ और 22 अक्टूबर 2002 को नगर निगम के कमिश्नर पद से हृदेश शर्मा रिलीव हो गए यानी रिलीव होने से 4 दिन पूर्व ही इस खेल को अंजाम दिया प्रशासनिक अधिकारी हृदेश शर्मा ने वो भी ऐसा पट्टा जिस पर केवल जामडोली क्षेत्र लिखा है और खसरा नम्बर और भूखण्ड संख्या ग़ायब है।अपने पद का दुरूपयोग कर बिना भूखण्ड संख्या व खसरा नंबर के करवा लिया पट्टा आवंटित , 31 सालों से लगातार जयपुर में डटे पड़े IAS अधिकारी के लिए यह मामूली सा खेल था लेकिन इकोलॉजिकल जोन की यह ज़मीन आज 18-20 करोड़ की है जिस पर इकोलॉजिकल जोन में घर बनाकर रहने लगे हैं साहब
◆ जुलाई 2021 में जेडीए जोन-10,आगरा रोड़, केशव विद्यापीठ चौराहा, जामड़ोली के खसरा नंबर 717 मुख्य रोड़ पर इकोलॉजिकल जोन पर हुए अवैध निर्माण कार्यवाही हुई।
◆आगरा रोड पालडी मीणा चन्दा गार्डन के पीछे भूखंड संख्या-65 में जेडीए की बिना अनुमति व स्वीकृति अवैध निर्माण पर तीन मंजिला व्यावसायिक भवन को सील किया गया।
◆आगरा रोड पर बैरवा पेट्रोल पंप के इकोलॉजिकल जोन में बने अवैध कॉलोनी के निर्माण तोड़े गए।
◆सुमेल रोड़ पर रूपा की नांगल में करीब 16 बीघा निजी खातेदारी कृषि भूमि पर अवैध फार्म हाउस योजना बसाने के लिए किए गए निर्माणों पर बुलडोजर चलाया गया।
◆जोन-10 में सुमेल रोड़ पर रुकमणी नगर कॉलोनी में जेडीए की बिना अनुमति-स्वीकृति के बेसमेंट खोदकर, पिल्लर खड़े कर 2 दुकानों का अवैध निर्माण किया जा रहा था जिसे ध्वस्त किया गया।
◆विजयपुरा में बसन्त विहार कॉलोनी में जेडीए की बिना अनुमति-स्वीकृति के व्यावसायिक उपयोग के लिए बनाए जा रहे 3 विलाज के अवैध निर्माण को ध्वस्त किया गया।
◆ जयसिंहपुरा खोर में रोहित नगर कॉलोनी 4 विलाज के अवैध निर्माण को ध्वस्त किया गया।
◆जयसिंहपुरा खोर में रोहित हॉस्पिटल के पास जेडीए की बिना अनुमति-स्वीकृति बनाए जा रहे 6 विलाज के अवैध निर्माणों को ध्वस्त किया गया।
◆जयसिंहपुरा खोर में पूर्व में ध्वस्त करने के बाद भी दोबारा बन रहे अवैध कॉलोनी लल्लु नगर में 9 अवैध विलाज पर बुलडोजर चलाया गया।
◆छठी कार्रवाई इकोलॉजिकल जोन-10 में ही रामनगर, विजयपुरा में करीब 10 बीघा निजी खातेदारी कृषि भूमि पर बसाई जा रहीं अवैध कॉलोनी के निर्माणों को ध्वस्त किया गया।
◆इसी तरह मोती नगर, विजयपुरा में 2 बीघा निजी खातेदारी कृषि भूमि पर बसाई जा रहीं अवैध कॉलोनी के निर्माणों को ध्वस्त करने की गई.
इस प्रकार तात्कालीन मुख्य प्रवर्तन नियंत्रक, जेडीए प्रवर्तन शाखा अधिकारी रघुवीर सैनी ने जोन 10 में ताबड़ तोड़ कार्यावाहियाँ की हैं लेकिन 2021 की इकोलॉजिकल जोन की अवैध निर्माण पर हुई कार्यवाहियों में जेडीए सचिव थे हृदेश शर्मा और वर्तमान डीएलबी निदेशक हैं इन साहब का पक्का ग़ुलाबी बंगला जेडीए की प्रवर्तन शाखा को कभी नज़र नहीं आया।
ग़ुलाबी शहर में इन महोदय द्वारा हो रहे भ्रष्टाचार को पूरी तरह प्रमाणित करता है ये ग़ुलाबी अवैध बंगला
लगातार जयपुर में दही की तरह जमे IAS हृदेश शर्मा अपने पद का करते आ रहे दुरुपयोग
मास्टर डेवलपमेंट प्लान 2011 में प्रतिबंधित इकोलॉजिकल जोन जामडोली क्षेत्र,आगरा रोड में जयपुर विकास प्राधिकरण के अधिकारियों की मिलीभगत से IAS हृदेश कुमार शर्मा ने 1000-1000 वर्ग गज के दो भूखण्ड कुल क्षेत्रफल 2000 वर्ग गज का आवंटन करवाया और पारिस्थितिकी जोन को अपना निजी आवास बना लिया इसी के साथ आवास के आसपास पक्की सड़क भी बनवा ली गयी?
अवैध निर्माण पर जीराे टाॅलरेंस के साथ काम किया जाएगा। -रघुवीर सैनी कहते हुए चले गए अब धर्मेन्द्र यादव, मुख्य प्रवर्तन नियंत्रक, जेडीए प्रवर्तन शाखा ने यह जुमला पकड़ लिया है
शालिनी श्रीवास्तव / जयपुर हिलव्यू समाचार।
आगरा जाने वाली राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 11 के दोनों तरफ सेट क्षेत्र के साथ जो आगरा रेलवे लाइन तक जाता है स्थित जामडोली को स्थिति की जॉन के रूप में आरक्षित रखा गया है जिसका उपयोग सीमित गतिविधियों तक अनुज्ञा रखा गया है जिसमें आवासीय योजनाएं प्रतिबंधित है। मास्टर डवलपमेंट प्लान 2011में दिनाँक 1 सितंबर 1998 से लागू हुआ नियम अब तक प्रभावशाली है। इसीलिए इस जामडोली भाग में केशव विद्यापीठ के आसपास कोई भी नगरीय भूमि निष्पादन नियम 1974 के तहत आवासीय योजना का कोई लेआउट प्लान अनुमोदित नहीं हुआ है।इसके बावजूद इस प्राकृतिक पारिस्थितिकी जोन में डीएलबी डायरेक्ट हृदेश कुमार शर्मा ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए जयपुर विकास प्राधिकरण के कुछ अधिकारों के साथ मिली भगत कर 1000 वर्ग गज के क्षेत्रफल के दो भूखंड का नगरीय भूमि निष्पादन नियम 1974 के प्रावधानों के विपरीत जाकर करवा लिया और एक अन्य व्यक्ति के नाम से 1000 वर्ग भूमि को आवासीय करवाया गया है व आवासीय निर्माण करवाया गया है अपने सेवा काल में राज्य सरकार के विभिन्न विभागों में जेडीए नगर निगम जयपुर आदि में सेवारत रह चुके हैं हृदेश कुमार शर्मा जेडीए जयपुर नगर निगम में भी मास्टर प्लान में पारिस्थितिक जोन को बचाने की जिम्मेदारी इन पर रही है लेकिन राज्यहित में समर्पित ना होकर उन्होंने स्वयं को लाभ दिया और इसी के साथ-साथ ग्रीन बेल्ट के अनुरक्षण के मामले में राजस्थान उच्च न्यायालय काफी दृढ़ रहा है तथा डीबी रीट याचिका संख्या 1554/2004 (गुलाब कोठारी बनाम स्टेट आफ राजस्थान व अन्य) में दिनांक 12 जनवरी 2012 व 15 दिसंबर 2018 को पारित निर्णय में जारी निर्देश की लगातार मॉनिटरिंग आज भी हो रही है। डीएलबी डायरेक्टर का इकोलॉजिकल जोन में यह अवैध बंगला निर्माण इकोलॉजिकल जोन के नियमों के विरुद्ध तो है कि न्यायालय की अवमानना का प्रतीक भी है