एक अवैध निर्माण पर कार्यवाही दूसरे पर मेहरबानी
श्री गोपालनगर,80 फिट रोड में स्थित भूखंड संख्या 139 को किया सील ,ज़ीरो सेटबैक पर स्वयं संज्ञान लेकर ध्वस्तीकरण व सीजर की कार्यवाही करने वाला जेडीए “पिक एंड चूज़” शैली में कुछ अवैध निर्माणों पर ही कार्य क्यों कर रहा है? । एक अवैध निर्माण पर कार्यवाही दूसरे पर मेहरबानी , गोपालपुरा बायपास की श्री गोपालनगर,80 फिट रोड में स्थित भूखंड संख्या 139 को अवैध निर्माण करने पर जयपुर विकास प्राधिकरण द्वारा 15 फरवरी 2023 सील बंद कर दिया गया। सीजर के नोटिस में अंकित किया गया कि श्री गोपालनगर आवासीय कॉलोनी है। 20×25 के आवासीय भूखण्ड में बेसमेंट+3 मंजिला बिल्डिंग का अवैध निर्माण किया गया है और 4 मंज़िल के लिए पिलर्स खड़े कर दिए गए हैं। बिना स्वीकृति,बिना भू-रूपांतरण, बिना सेटबैक छोड़े आवासीय में व्यवसायिक अवैध निर्माण हुआ है। धारा 32 व 33 का उल्लंघन करने की वजह से उन्हें 14 फरवरी 2023 को नोटिस जारी किया गया कि अवैध निर्माण हटा लें निर्माण नहीं हटाने पर परीक्षण तकनीकी शाखा प्रबंधन ने इसका मुआयना किया और उसके बाद इसे सील बंद कर दिया गया। नोटिस के 24 घण्टे में सीजर की कार्यवाही कर दी गयी।
निःसन्देह प्रशंसनीय कार्य किया जेडीए जोन 5 की प्रवर्तन शाखा ने।अब प्रश्न है जेडीए के मुख्य प्रवर्तन अधिकारी रघुवीर सैनी से की क्या उन्हें—-◆गोपालपुरा बायपास पर आवासीय भूखण्डों पर व्यवासायिक बनी बहुमंज़िला,ज़ीरो सेटबैक बनी अवैध बिल्डिंग नज़र नहीं आतीं?◆सील किये गए प्लॉट न.139 के पास उत्कर्ष कोचिंग के भवन का लोहे की चद्दर से ज़ीरो सेटबैक ख़त्म करता टीन शेड नज़र नहीं आता?◆ सील किये गए प्लॉट न.139 के ही सामने 3 मंज़िला शोरूम नज़र नहीं आया?जेडीए जब भी अवैध निर्माण की कार्यवाही इस तरह के इलाकों में करता है तो क्या उसके आसपास के अवैध बिल्डिंग उसे नज़र नहीं आती।
स्वयं संज्ञान लेकर भी जेडीए अवैध निर्माणों पर,अतिक्रमणों पर कार्यवाही करता आ रहा है फिर गोपालपुरा बायपास जो कि बहुत अवैध निर्माणों का बहुत बड़ा गढ़ है।आवासीय भूखंडों पर कमर्शियल बिल्डिंग मुख्य मार्ग पर बनी हैं। ज़ीरो सेटबैक पर बनी हैं। पार्किंग नहीं हैं। भू-रूपान्तरित नहीं हैं। फायर एनओसी नहीं हैं। इन अवैध निर्माणों को कभी नोटिस क्यों नहीं दिए गए। इन्हें ध्वस्त क्यों नहीं किया गया? जेडीए द्वारा गलियों में जाकर कार्यवाही करना संदेह की स्थिति खड़ी करता है। भूखण्ड संख्या 139 श्री गोपालनगर में आसपास के लोगों से बातचीत करने पर मालूम हुआ कि जेडीए की गाडियाँ लंबे समय से चक्कर लगा रहीं हैं। जब यह बैसमेन्ट बनना शुरू हुआ और जब तक यह पाँच मंज़िला बनकर खड़ा हो गया तब जेडीए ने कोई कार्यवाही नहीं कि अब एक दिन के नोटिस के बाद सील बन्द कर दिया क्यों? इस व्यक्ति ने 50 लाख की डिमांड पूरी नहीं की थी इस वजह से इस बिल्डिंग को सील कर दिया गया अधिगम कोचिंग संस्थान की बिल्डिंग तुरंत नोटिस देकर 3 दिन में ध्वस्तीकरण की कार्यवाही कर दी गयी कारण अवैध निर्माण,ज़ीरो सेटबैक ही था। आख़िर आम जनता में जेडीए की दोहरी नीति को लेकर गुस्सा व रोष है कि ज़ीरो सेटबैक की तर्ज़ पर ध्वस्तीकरण करने वाले जेडीए को यह 95% बिल्डिंग नज़र क्यों नहीं आती?