शायद वक़्त की दरकार यही है कि दिमाग़ी घोड़ो को सियासी दौड़ों से दूर किसी तालाब में छोड़ दिया जाए
जेडीबी कॉलेज कोटा के सामने बादलों में हवा से बातें करते हुए घोड़े स्थापित थे वहाँ अब गाँधी पटेल नेहरू स्थापित हो गए जो उपरोक्त हेडिंग की पंक्ति पर गहन मंथन करते प्रतीत हो रहे हैं। ऐसे में अब ये घोड़े किशोर सागर तालाब में लगाए जा चुके हैं । घोड़ों के स्थानान्तरण से पूर्व घोड़ों की स्थिति थी कि कुछ सड़क पर खड़े थे,कुछ जलयान पर अड़े थे, वहीं कुछ तो क्रेन पर पड़े थे। लेकिन अब तालाब में जाकर मिला इनको मोक्ष……. अब सरकारी मेहरबानी से थम गयी है इनकी उड़ान।
शालिनी श्रीवास्तव
फोटो-सुधीन्द्र गौड़,कोटा